✜ जोरदार स्वागत और भावनात्मक संतुलन का महत्व
चीन के दिग्गज खिलाड़ी डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र में चैंपियन बने 18 वर्षीय गुकेश का सोमवार को उनके गृहनगर चेन्नई में भव्य स्वागत किया गया। अपने बचपन के स्कूल वेलाम्मल विद्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गुकेश ने कहा:
शतरंज केवल 64 खानों की बिसात का खेल नहीं है। इसके लिए मानसिक और भावनात्मक दबाव को संभालना बेहद जरूरी है। पैडी अपटन ने मुझे इसमें बहुत मदद की है।
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✜ पैडी अपटन की टीम में भूमिका
पैडी अपटन, जो मानसिक अनुकूलन कोच के रूप में विश्व स्तर पर जाने जाते हैं, ने गुकेश के साथ सिंगापुर में विश्व चैंपियनशिप के दौरान काम किया। गुकेश ने बताया कि पैडी के दिए गए सुझाव उनके खेल को निखारने और दबाव को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में सहायक रहे।
उन्होंने मुझे जो मानसिक रणनीतियाँ सिखाईं, वह एक खिलाड़ी के रूप में मेरे विकास में महत्वपूर्ण रहीं।
पैडी अपटन का अनुभव अद्वितीय है। उन्होंने 2011 क्रिकेट विश्व कप विजेता भारतीय टीम और पेरिस ओलंपिक कांस्य विजेता पुरुष हॉकी टीम के साथ भी काम किया है।
गुकेश ने कहा कि कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद उन्होंने मानसिक कोच की मांग की थी। इसके लिए वेस्टब्रिज कैपिटल के संदीप सिंघल ने पैडी अपटन से संपर्क कराया।
पैडी मेरी टीम का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। उनके अनुभव ने मुझे चैंपियनशिप के दबाव में भी शांत और केंद्रित रहने में मदद की।
✜ अगला बड़ा मुकाबला: मैग्नस कार्लसन से भिड़ंत
गुकेश का अगला बड़ा मुकाबला नॉर्वे में होगा, जहां वे दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन से भिड़ेंगे। नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट 26 मई से 16 जून 2025 तक खेला जाएगा।
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गुकेश ने उत्साह जाहिर करते हुए कहा —
मैं नॉर्वे में मैग्नस कार्लसन जैसे मजबूत खिलाड़ी के खिलाफ खेलने को लेकर रोमांचित हूं। यह मुकाबला चुनौतीपूर्ण और मजेदार होगा।
नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट के निदेशक जेल मेडलैंड ने कहा —
विश्व चैंपियन और दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी का यह मुकाबला अविस्मरणीय होगा।
गुकेश की यह सफलता सिर्फ उनकी प्रतिभा का परिणाम नहीं है बल्कि उनके मानसिक और भावनात्मक संतुलन की भी जीत है। पैडी अपटन जैसे अनुभवी कोच का मार्गदर्शन और टीम के साथ का समर्थन उनकी सफलता की कुंजी बना। आगामी नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में गुकेश और कार्लसन का मुकाबला शतरंज प्रेमियों के लिए एक बड़ा आकर्षण होगा।
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