अब उत्तर प्रदेश में सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल सीटें बढ़कर 11,200 हो गई हैं। यह कदम न केवल राज्य के छात्रों के लिए मेडिकल शिक्षा को अधिक सुलभ बना रहा है, बल्कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को भी बेहतर बना रहा है।
✜ स्वस्थ सेवाओं में सुधार और 151 करोड़ रुपए के उपकरण खरीदे
राज्य के 14 स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए 151 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है, जिससे नवीनतम चिकित्सा उपकरण खरीदे जाएंगे। इन महाविद्यालयों में अमेठी, औरैया, कानपुर देहात, कुशीनगर, कौशांबी, गोंडा, चंदौली, पीलीभीत, बुलंदशहर, बिजनौर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, सुल्तानपुर, और सोनभद्र शामिल हैं।
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आयुष्मान भारत योजना के तहत अब आरोग्य मंदिरों में कैंसर की स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) कानपुर और फिक्की के सहयोग से टेलीमेडिसिन सेवाओं में सुधार किया जा रहा है। यह पहल ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने में मददगार साबित होगी।
✜ पैथोलॉजी, ओपीडी सेवाएं और मेडिकल स्टाफ की भर्ती
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर 24 घंटे पैथोलॉजी जांच की सुविधा शुरू कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश ने आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत उल्लेखनीय प्रगति की है। देश भर में सबसे अधिक ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण वाले 25 अस्पतालों में से 15 उत्तर प्रदेश के हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत 3,824 डॉक्टरों की भर्ती की गई है। इसके साथ ही, 2,532 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाएगी। इसके अलावा, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों और एनेस्थेटिस्ट्स को आपातकालीन स्थिति में सरकारी अस्पतालों में बुलाने की व्यवस्था की गई है।
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प्रदेश सरकार ने नवगठित पांच मंडलों — बस्ती, अलीगढ़, देवीपाटन, चित्रकूट धाम, और विंध्याचल — में फर्म्स, सोसाइटी एवं चिट्स विभाग के लिए असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पांच पद सृजित किए हैं। इन पदों का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करना है। इन असिस्टेंट रजिस्ट्रार को 56,100-1,77,500 रुपये (लेवल-10, ग्रेड पे 5,400) का वेतनमान मिलेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में की जा रही ये पहलें न केवल प्रदेश के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण मेडिकल शिक्षा उपलब्ध कराएंगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार कर राज्य को देश में अग्रणी बनाएंगी। मेडिकल सीटों में वृद्धि से स्थानीय छात्रों को राज्य में ही रहकर पढ़ाई करने का मौका मिलेगा, जिससे डॉक्टरों की संख्या और उनकी उपलब्धता में सुधार होगा। यह कदम प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकता है।