अब तक प्रदेश में 3,213 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है, और 1,630 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2,800 से अधिक भवनों का निर्माण शुरू हो चुका है। ये भवन न केवल खाद्यान्न भंडारण और वितरण के लिए उपयोगी हैं, बल्कि इन्हें बहुउद्देश्यीय केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा रहा है।
Advertisement
✜ क्या हैं अन्नपूर्णा भवन की विशेषताएं?
1. सुविधाजनक स्थान —
- ये भवन ग्राम पंचायतों की सरकारी जमीन पर बनाए जा रहे हैं।
- इनका स्थान ऐसा चुना गया है, जहां राशन वाहन और आम जनता आसानी से पहुंच सके।
- संकरी गलियों की समस्या से निजात मिलेगी।
2. आधुनिक संरचना —
- अन्नपूर्णा भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय और जनसेवा केंद्र की सुविधा होगी।
- भवन में दो अलग-अलग कक्ष होंगे, जिनमें से एक सरकारी राशन के भंडारण के लिए और दूसरा कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के संचालन के लिए उपयोग किया जाएगा।
3. सामाजिक और आर्थिक लाभ —
- राशन वितरण के साथ-साथ बिजली बिल भुगतान, जेनरिक दवाओं की बिक्री, और सरकारी प्रमाणपत्र जैसे सेवाएं मिलेंगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
4. पारदर्शिता और सुरक्षा —
- भवनों में सीसीटीवी कैमरा और इंटरनेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
- इस पहल से खाद्यान्न वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी होगी।
✜ सरकार की राशन कार्ड से दूरदर्शी योजना
योगी सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश की सभी 80,000 उचित दर की दुकानों को स्थायी अन्नपूर्णा भवनों में परिवर्तित किया जाए। इस पहल से खाद्यान्न वितरण प्रणाली को बेहतर बनाने के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सुगम होगा।
Advertisement
अन्नपूर्णा भवन सिर्फ राशन वितरण का केंद्र नहीं होगा, बल्कि यहां कई अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी, जैसे:
- कॉमन सर्विस सेंटर: जन्म, मृत्यु, आय, और जाति प्रमाणपत्र बनाना।
- जनरल स्टोर: रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुएं और सस्ती जेनरिक दवाओं की उपलब्धता।
- कम्युनिटी सर्विस सेंटर: ब्रॉडबैंड सेवा और अन्य डिजिटल सेवाएं।
योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश में खाद्यान्न वितरण को आधुनिक और स्थायी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अन्नपूर्णा भवनों के माध्यम से न केवल खाद्यान्न आपूर्ति में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।